कहानी संग्रह >> ये है मुंबई ये है मुंबईभुवेंद्र त्यागी
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मुंबई और मुंबईकरों के उस जज्बे से प्रेरित और प्रभावित होकर लिखी गई है, जो विषम परिस्थितियों
यह किताब मुंबई और मुंबईकरों के उस जज्बे से प्रेरित और प्रभावित होकर लिखी गई है, जो विषम परिस्थितियों में भी उन्हें हार न मानने का हौसला देता है। इसमें आज के तेजी से बदलते समाज और क्षय होते सामाजिक मूल्यों को बारीकी से दिखाकर ऐसे आम लोगों की बेहद आम कथाएं हैं, जो इस क्रूर समय में अंधेरे में रोशनी का काम कर सकती हैं। एक विशाल महानगर के जनसागर में ये लोग बूंद-बूंद शामिल होकर मानवता का ऐसा महासागर निर्मित करते हैं, जो तमाम निराशा, कुंठा और नकारात्मकता को खुद में समेटकर तिरोहित करता रहता है।
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